रिपोर्ट नीरज शर्मा
मुंबई:- मुम्बई सेशन कोर्ट ने मंगलवार को 3 महीने की बच्ची के यौन शोषण मामले के आरोप में दोषी पाए गए ट्रांसजेंडर को फासी की सजा सुनाई, यह मुंबई के लिए पहला फैसला है की ऐसे मामले में अपराधी को फासी की सजा सुनाई गई, मिली जानकारी से पता चला की एक आरोपी को बरी कर दिया गया, एडिशनल सेशन कोर्ट जज AU kadam ने यह फैसला सुनाया, जज कदम ने अपराधी को नवजात बच्ची का यौनशोषण, हत्या और अपहरण के साथ पोस्को के आरोप में आरोपी ठहराते हुवे कहा, दोषी को तबतक फासी पे लटका के रखा जाएं, जबतक उसकी मौत ना हो जाए,
ट्रांसजेंडर को बताया अपील के अधिकार का तरीका।
फैसले के बाद जज ने अपराधी को हाईकोर्ट में अपील करने की जानकारी दी, वैसे भी फाजी की सजा हाईकोर्ट के आधीन होती है, इसलिए राज्यसरकार अपराधी की फासी की सजा पर मुहर लगाने के लिए हाईकोर्ट में अपील करेगी,
सरकारी वकील राकेश तिवारी ने बताया की आरोपी के खिलाफ इस मामले में कई ठोस सबूत कोर्ट में पेश किए गए थे, केस में कई ऐसे सबूत मिले जो अपराधी के अपराध को उजागर कर रहे थे, अपराधी को बच्ची को अपहरण कर ले जाते हुवे एक गवाह ने अपराधी को आखिरी बार देखा था, जिससे यह साफ होता है की अपराधी ने नवजात बच्ची का अपहरण किया था, और निर्मम तरीके से उसकी हत्या की, उन्होंने बताया की मामले से बरी आरोपी के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की जायेगी, जानकारी से पता चला है की यह मामला कफ परेड में (चौबीस वर्सीय) आरोपी ट्रांसजेंडर कन्हैया उर्फ कन्नू दत्ता चौगुले के खिलाफ मामला दर्ज किया था, 8 जुलाई 2021 में आरोपी की शिकायतकर्ता के घर में बेटी के जन्म की जानकारी मिली थी, अपराधी पैसे की मांग को लेकर झोपड़पट्टी इलाके में शिकायतकर्ता के घर गया, फिलहाल शिकायतकर्ता की माली हालात ठीक नहीं थी, इसलिए शिकायतकर्ता ने अपराधी को पैसे देने से इनकार कर दिया, इससे नाराज अपराधी ने शिकायतकर्ता की नवजात बच्ची का अपहरण 9 जुलाई 2021 को अपहरण किया, और कफ परेड इलाके में स्थित खाड़ी में ले गया, जहा अपराधी ने नवजात बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और पानी में डुबाकर बेरहमी से उसकी हत्या कर दी, पुलिस ने अपराधी और उसकी साथी के खिलाफ आईपीसी की धारा, 302,376 (BD) 363,201,34 और पोस्को की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था, अपराधी ट्रांसजेंडर गिरफ्तारी के बाद कारागृह में है।