महायुति ने खोज ली है महाविकास अघाड़ी की काट? अजित-शिंदे-बीजेपी कैसे चल रहे हैं चाल

महाराष्ट्र की सियासत में फिर एक बार बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति ने सियासी बाजी अपने नाम कर ली है. नगर परिषद और नगर पंचायत चुनाव में महायुति ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 288 में से 212 सीटों पर जीत हासिल की है. वहीं, विपक्षी महाविकास आघाडी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. महाविकास अघाड़ी के तीनों प्रमुख दलों को 44 सीटों से संतोष करना पड़ा है


महायुति के तीनों दल बीजेपी, एनसीपी और शिवसेना कहीं साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे थे, तो कहीं पर एक दूसरे से दो-दो हाथ कर रहे थे. इसके बावजूद उनका पलड़ा भारी रहा.बीजेपी ने नगर अध्यक्ष और नगरसेवक दोनों में अपनी बढ़त बनाए रखते हुए राज्य में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में अपनी स्थिति मजबूत की है. इसके अलावा, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी को भी सियासी लाभ मिला है. महायुति के तीनों दलों ने निकाय चुनाव में अलग-अलग लड़कर एकतरफा जीत दर्ज की है, उसके आगे महाविकास अघाड़ी की एकता भी काम नहीं आई.

महायुति ने किया विपक्ष का किया सफाया
महाराष्ट्र में नगर परिषद और नगर पंचायत के लिए दो चरणों में चुनाव हुए थे. 264 निकायों में 2 दिसंबर को वोटिंग हुई थी और बाकी 24 परिषद सीटों पर शनिवार को चुनाव हुए थे. 246 नगर परिषद, 42 नगर पंचायत में अध्यक्ष और नगर सेवक के लिए चुनाव हुए हैं. इस तरह कुल 288 शहरी निकाय क्षेत्रों में चुनाव हुए हैं.

नगर परिषद की 246 सीटों में से बीजेपी 100, शिंदे की शिवसेना 45, अजित पवार की एनसीपी ने 33 सीटें जीती हैं. वहीं, कांग्रेस 26, उद्धव की शिवसेना (यूबीटी) 7 और शरद पवार की एनसीपी (एनसीपी) ने 8 सीटें जीती. अन्य ने 23 नगर परिषद क्षेत्रों में जीत दर्ज की है जबकि राज ठाकरे की मनसे अपना खाता भी नहीं खोल सकी. NCP के 2 पार्षद समेत कई झुलसेनगर पंचायत की 42 सीटों में से बीजेपी 23, शिंदे की शिवसेना 8, अजित पवार की एनसीपी ने 3 सीटें जीती हैं. वहीं, कांग्रेस ने 3 और उद्धव की शिवसेना (यूबीटी) ने 4 नगर पंचायत क्षेत्रों में जीत दर्ज की है. अन्य ने तीन सीटों पर जीत हासिल की है. शरद पवार और राज ठाकरे की पार्टी का खाता नहीं खुला.महायुति ने 178 नगर परिषद और 34 नगर पंचायत अपना अध्यक्ष बनाने में सफल रही. इस तरह 288 सीटों में से 212 सीटें महायुति के तीन दलों ने जीती है. महाविकास अघाडी ने 48 सीटें ही जीत सकी. इसमें सबसे ज्यादा 29 सीटें कांग्रेस के खाते में आईं हैं, जबकि 11 सीटें उद्धव ठाकरे और 8 सीटें शरद पवार गुट को मिली हैं.
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