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धारावी में अपराध पर नकेल कसी तो धारावी की जनता ने दिया नाम बोले “सिंघम” है।

धारावी में अपराध और अपराधी दोनो औवल दर्जे पर थे लेकिन इंस्पेक्टर राजा बिडकर के कमान संभालने के बाद धारावी का माहौल काफी शांतप्रिय है

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ग्राउंड रिर्पोट नीरज शर्मा 

4 जनवरी 1970 में पूना के एरोडा गांव में जन्म लेने वाले धारावी के सीनियर इंस्पेक्टर राजा बिडकर का अब तक का सफर एक छोटे से गांव से मुंबई शहर में अपने कार्य के लिए जाने जाने वाले पुलिस अधिकारी राजा बोडगे के पिता मध्यवर्ती मनुरुग्नालय में हवलदार का काम करते थे राजा बिड़कर दो बड़ी बहन और तीन भाई थे, इनके पिता जी सरकारी मुलाजिम हुवा करते थे, मगर घर की परिस्थिती कुछ अच्छी नहीं थी, पांच बच्चो को पालना पढ़ाना काफी कठिन था, मगर गांव में हर घर के पशू तो रहते ही है वैसे इनके घर पर भी गाय भैंस थी, वो भी काम करते थे बचपन से पिता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलना और पढ़ाई करना काफी मुश्किल होता है मगर राजा बिडकर ने किताबो का साथ नही छोड़ा वही इनकी मां घर से अपना कार्य करती थी, दूध दही बेचती वही पढ़ाई कर के आने के बाद खुद दूध दही बेचा करते थे इंस्पेक्टर राजा बिडकर, पढ़ने में काफी अच्छे थे तो कुछ जिम्मेदारियों को देखते हुवे दसवीं परीक्षा देने के बाद ट्यूशन भी लेने लगे, वही इनके दोनो बड़े भाई ड्राइविंग का काम करते थे, बात चीत के दौरान उन्होंने बताया की मेरा भाई मुझे स्कूल जाने के टाइम रोज दस रुपए दिया करते थे,

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पुलिस सर्विस में कैसे आना हुवा,

कॉलेज के चौक के पास एक मंडल हुवा करता था उस मंडल में राजू भिड़कर प्रोग्राम किया करते थे कुछ न कुछ करने की करते रहने की आदत थी, छोटे छोटे बच्चो का प्रोग्राम लिया करते थे, कोई पुलिस वाला बुलेट से जाता तो सब भाग जाते थे एक पुलिस का जो रुतबा होता था वो देखने के बाद मन में विचार आया की हमे भी पुलिस बनना है, उस समय इंस्पेक्टर राजा बिडकर बारवी में थे, इनके पिता की बहुत सक्त थे लेट घर आने पे भी मार पड़ती कॉलेज में झगड़े होते तो पिता जी को शिकायत मिली तो मार पड़ती पढ़ने में काफी अच्छे भी थे, हमारे एक टीचर थे राने सर उन्होंने ने पूछा की क्या बनना है तो इंस्पेक्टर राजा बिडकर ने बोला पुलिस या तो गुंडा, मगर वही गुरु ने बताया की गलत मत सोचो मन लगाकर पढ़ाई करो तुम एक दिन जरूर पुलिस ऑफिसर बनोगे, टीचर और पापा से प्रेरणा मिली फिर NCC किया ग्रेजुएट होने के बाद नासिक में CCA (कैरियर कंपटीशन एकेडमी) में एडमिशन कराए और MPC की पढ़ाई सुरु किए, पहला परीक्षा दिए और महज 8 (आठ) नंबर से निराशा हाथ लगी, मगर उसी ऊर्जा के साथ पढ़ाई कर फिर से परीक्षा दिए और एक साथ 3 (तीन) विभाग में उत्तीर्ण हुवे और PSI का चयन हुवा, पहला सर्विस बी,पी, रोड पुलिस स्टेशन में पुलिस सब इंस्पेक्टर बतौर पोस्टिंग हुई और सर्विस से जुड़ते ही 1996 में 9 लाख की रॉबरी (चोरी) केस को चार अधिकारी के साथ 24 घंटे में केस सॉल्व किए, हमेशा अधिकारियों का सहयोग मिला राजा बिडकर ने काफी काम किए और फिर क्राइम ब्रांच यूनिट 3(तीन) तबादला हुवा तबादला होते ही “झोला गैंग” का खुलासा किए और रैकेट से जुड़े बड़ा अपराधी नाम फिरोज को उसकी टीम के साथ धर दबोचा फिर चीटिंग केस और तमाम बड़े बड़े केस सॉल्व किए, अलीबाजाज गैंग के लोगो को अरेस्ट कर मुक्का के तहत कार्यवाही किए,

 

अबतक कुल बारह इनकाउंटर,

प्रवीण जोसी की टीम में पहला इनकाउंटर 1997 में दाऊद गैंग के बड़े अपराधी का किए फिर इसी ऊर्जा के साथ कभी न डरते हुवे सारे बड़े लेवल के अपराधी का सफाया किए थे जिसमे छोटा राजन का आदमी दीप हरिसद सुवर्णा,रमेश बटलर को मार गिराए और माउजर ग्लोक बरामद किए फिर नितेश कासारे ये सब बड़े अपराधी दाऊद गैंग से ताल्लुक रखने वाले लोग थे, कला घोड़ा में अपनी टीम के साथ लास्ट इनकाउंटर 2007 में किए, अभितक कुल 250 से ज्यादा अवॉर्ड लिए महाराष्ट्र राज्य गवर्नर के हाथो भी सम्मानित किए गए, 

एस एस ब्रांच का सफर

डिप्टी कमिश्नर ऑफ एस,एस ब्रांच प्रवीण पाटिल के साथ कार्य किए जिसमे माइनर लड़कियों के जिस्मफरोशी कारोबारी, बड़े बड़े भुक्की को अंदर पहुंचाया फॉर्नर (NRI) पेटा किए कई हाई प्रोफाइल कुंठा खाना बंद कराए, 2018 में पुलिस सम्मान चिन्ह से सम्मानित किए गए, आज धारावी पुलिस स्टेशन में बतौर सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर की कमान संभाले है, वही हम आपको बताना चाहते है की धारावी में अपराध और अपराधी दोनो औवल दर्जे पर थे लेकिन इंस्पेक्टर राजा बिडकर के कमान संभालने के बाद धारावी का माहौल काफी शांतप्रिय है जिसके कारण धारावी की जनता ने धारावी सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर राजा बिडकर को “सिंघम” का नाम दिया, सूत्रों से मिली जानकारी से पता चला है की काफी सालों के बाद धारावी की तमाम जनता के दिलो में जगह बनाने वाले पहले अधिकारी है, जहा जनता के दिलो में खुशी का माहौल देखने को मिल रहा तो वही अपराधियों के दिल में पुलिस का भी डर दिखाई दे रहा, ऐसे ही पुलिस अधिकारी धारावी पुलिस स्टेशन में हमे और चाहिए धारावीकर

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